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नन्दी शाला योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य देशी वर्णित गौसांड का प्रदाय)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य |
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2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग के पशुपालक जिनके पास पर्याप्त कृषि भूमि के साथ न्यूनतम 5 गौवंशीय पशुधन या जिनके पास कृषि भूमि नही है किन्तु 20 या उससे अधिक पशु है। |
योजना इकाई | एक देशी वर्णित नस्ल गौ-सांड यथा साहीवाल,थारपारकर,हरियाणा,गिर,गौलव,मालवी,निमाडी,केनकथा आदि नस्ल के प्रदाय । प्रदायित सांड के प्रथम 60 दिवस के लिए पशु आहार |
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इकाई लागत | प्रदेश के बाहर के देशी वर्णित गौ-सांड की इकाई लागत (परिवहन, पशु बीमा, प्रदायित सांड के प्रथम 60 दिवस के लिए पशु आहार, प्रशिक्षण बुकलेट एवं माॅनिटरिंग कार्ड सहित) रू. 25720.00 प्रदेश के नस्ल के देशी वर्णित गौ-सांड की इकाई लागत रू 18260.00 |
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अनुदान |
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7. | चयन प्रक्रिया |
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8. | संपर्क | संबंधित ग्राम पंचायत/निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
समुन्नत पशु प्रजनन योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य पेडीग्रिड मुर्रा सांड का प्रदाय योजना सभी वर्ग के लिए)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य |
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2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग के पशु पालक। |
4. | योजना इकाई | प्रजनन योग्य पेडीग्रिड मुर्रा सांड़ |
5. | इकाई लागत | रूपये 45000.00 परिवहन, बीमा सहित । |
6. | अनुदान | सभी वर्ग के लिए 75 प्रतिशत शेष 25 प्रतिशत हितग्राही अंश |
7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। |
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
बैंक ऋण एवं अनुदान पर (10+1) बकरी इकाई का प्रदाय(योजना सभी वर्ग के लिए)
सं.क्र. | योजना | विवरण | ||||||||||||||||||
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1. | उददेश्य |
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2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग के भूमिहीन,कृषि मजदूर,सीमान्त एवं लघु कृषकों के लिये। | ||||||||||||||||||
4. | योजना इकाई लागत |
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5. | अनुदान प्रति इकाई | अनुसूचित जनजाति / अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 60 प्रतिशत् अनुदान रु.46474.00 सामान्य वर्ग के लिये 40 प्रतिशत् अनुदान रु. 30982.00 इकाई लागत का 10 प्रतिशत् हितग्राही अंशदान, शेष बैंक ऋण |
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6. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिले के उप संचालक पशुपालन विभाग अनुमोदित प्रकरण को स्वीकृति हेतु बैंक को प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त करेगें। | ||||||||||||||||||
7. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान के आधार पर नर बकरा प्रदाय योजना
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | देशी / स्थानीय बकरियों की नस्ल मे सुधार लाना । |
2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग के बकरी पालक जिनके पास न्यूनतम 5 बकरियां हो। |
4. | योजना इकाई | जमनापारी,बारबरी एवं सिरोही बकरा |
5. | इकाई लागत | रूपये 8300.00 ( बकरे का मूल्य 7500.00,बीमा राशि 2.75 प्रतिशत एक वर्ष हेतु रु. 206.00,मिनरल मिक्सचर रु. 394.00 एवं प्रशिक्षण बुकलेट व माॅनिटरिंग कार्ड हेतु 200.00 ) |
6. | अनुदान | सभी वर्ग के लिए 75 प्रतिशत एवं हितग्राही अंश 25 प्रतिशत । |
7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। |
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान के आधार पर वराह (नर सूकर) प्रदाय (योजना केवल अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य |
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2. | योजना |
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3. | हितग्राही | अनुसूचित जाति/ जनजाति के वराह ( सूकर) पालक। |
4. | योजना इकाई | एक मिडिल व्हाईट यार्कशायर प्रजनन योग्य नर वराह (नर सूकर )। |
5. | इकाई लागत | रूपये 5000.00 |
6. | अनुदान | अनुसूचति जाति/जनजाति के सूकर पालकों के लिये 75 प्रतिशत् अनुदान शेष 25 प्रतिशत हितग्राही अंश | |
7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। |
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय) (योजना केवल अनुसूचित जाति/जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | देशी / स्थानीय वराह (सूकर) की नस्ल में सुधार लाना। |
2. | योजना |
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3. | हितग्राही | अनुसूचित जाति/जनजाति के वराह पालकों के लिए संचालित। |
4. | योजना इकाई | दो मिडिल व्हाईट यार्कशायर मादा एवं एक नर मिडिल व्हाईट यार्कशायर |
5. | इकाई लागत | रूपये 15000.00 |
6. | अनुदान | अनुसूचति जाति/जनजाति के सूकर पालकों के लिये 75 प्रतिशत् अनुदान शेष 25 प्रतिशत हितग्राही अंश |
7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। |
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान पर कुक्कुट इकाई का प्रदाय बिना लिंग भेद के 28 दिवसीय 40 रंगीन चूजों की बैकयार्ड इकाई
सं.क्र. | योजना | विवरण | ||||||||
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1. | उददेश्य | कुक्कुट पालन के माध्यम से हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति मे सुधार । | ||||||||
योजना |
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3. | हितग्राही | यह योजना सभी वर्ग के कुक्कुट पालकों के लिए है । | ||||||||
4. | योजना इकाई | बिना लिंग भेद के 28 दिवसीय 40 रंगीन चूजे । | ||||||||
5. | इकाई लागत |
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6. | अनुदान | सभी वर्ग के लिये 75 प्रतिशत हितग्राही अंश 25 प्रतिशत |
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7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। | ||||||||
संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान के आधार पर वराह त्रयी (सूकर त्रयी) का प्रदाय) योजना केवल अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | देशी / स्थानीय वराह (सूकर) की नस्ल में सुधार लाना। |
2. | योजना |
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3. | हितग्राही | अनुसूचित जन जाति के वराह पालक। |
4. | योजना इकाई | दो मिडिल व्हाईट यार्कशायर मादा एवं एक नर मिडिल व्हाईट यार्कशायर |
5. | इकाई लागत | रूपये 15000.00 |
6. | अनुदान | अनुसूचित जन जाति के सूकर पालकों को 75 प्रतिशत् अनुदान के आधार पर। |
7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। |
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
अनुदान पर कडकनाथ चूजे का प्रदाय
सं.क्र. | योजना | विवरण | ||||||||||
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1. | उददेश्य | कुक्कुट पालन के माध्यम से हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति मे सुधार एवं कडकनाथ नस्ल के संरक्षण एंव संवर्धन हेतु। | ||||||||||
2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग के कुक्कुट पालको के लिए । | ||||||||||
4. | योजना इकाई | बिना लिंग भेद के 28 दिवसीय 40 कडकनाथ चूजे | ||||||||||
5. | इकाई लागत |
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6. | अनुदान | सभी वर्ग के लिये 75 प्रतिशत हितग्राही अंश 25 प्रतिशत |
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7. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त करना। | ||||||||||
8. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य |
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2. | योजना |
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3. | हितग्राही | सभी वर्ग केे सीमान्त एवं लघु कृषक। |
4. | इकाई लागत |
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5. | मार्जिन मनी सहायता |
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6. | चयन प्रक्रिया | हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिले के उप संचालक पशुपालन विभाग अनुमोदित प्रकरण को स्वीकृति हेतु बैंक को प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त करेगें। |
संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
वत्स पालन प्रोत्साहन योजना
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में भारतीय देशी नस्ल के गौवंश को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करना एवं उनके पास उपलब्ध उच्च आनुवाशिंक गुणों वाले वत्सों का संरक्षण एवं संर्वधन करना है। |
2. | योजना | ऐसे पशुपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के पशु (गाय) है तथा जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उसका वत्स उच्च आनुवाशिंक क्षमता वाले भारतीय नस्ल के सांड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान अथवा प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। ऐसी गायों के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राशि रू.5000.00(पांच हजार) एवं उनके वत्सों के संरक्षण हेतु राशि रू.500.00(रूपये पांच सौ) प्रतिमाह पशु आहार/औषधी के रूप में 0-4 माह की उम्र से दो वर्षो तक प्रदाय की जाएगी। इस योजना में नर एवं मादा दोनो प्रकार के वत्स लाभान्वित हो सकेंगे। |
3. | हितग्राही | यह योजना सभी वर्ग के हितग्राहियों के लिए है। |
4. | योजना इकाई | भारतीय देशी उन्नत नस्ल की ऐसी गायें जिनका दुग्ध उत्पादन उनकी नस्ल के औसत उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है। एवं उनका वत्स उच्च आनुवाशिंक क्षमता वाले भारतीय सांडो के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान / प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा उत्पन्न हुआ है। |
5. | इकाई लागत | 17000/- (रूपये सत्रह हजार मात्र) शत-प्रतिशत् अनुदान। राशि हितग्राही एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के संयुक्त खाते में जमा कर योजना की आवश्यकता अनुसार समय-समय पर आहरित की जाएगी। |
6. | चयन प्रक्रिया | ऐसे समस्त पशुपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के गौवंशीय पशु, जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उनका वत्स भारतीय देशी उन्नत नस्ल के सांड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान/प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। का पंजीयन एवं चयन विभाग द्वारा किया जाएगा। चयन समिति के समक्ष गायों के तीन बार के दोहन का औसत निकाला जाएगा एवं उच्च क्रम से प्रारंभ करते हुये उपलब्ध बजट अनुसार पशुपालकों को लाभान्वित किया जा सकेगा। |
7. | चयन समिति | जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें समिति के अध्यक्ष होंगे एवं दो पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/ पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी सदस्य होंगे। |
8. | संपर्क | जिले के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी/पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी/पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ एवं उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें। |
गौसेवक प्रशिक्षण (प्रारंभिक एवं रिफ्रेशर)
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | शिक्षित बेरोजगार ग्रामीण युवकों को स्वरोजगार हेतु सक्षम बनाना एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना। |
2. | हितग्राही |
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3. | चयन प्रक्रिया |
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4. | इकाई लागत |
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5. | स्टायपंड | प्रांरभिक प्रशिक्षण एवं रिफ्रेशर प्रशिक्षण में क्रमशः 6000.00 एवं 500.00 का stipend शत् प्रतिशत विभाग द्वारा देय होगा। इसी प्रकार प्रारंभिक प्रशिक्षण में 1200.00 की किट (प्रति गौसेवक)एवं रिफ्रेशर प्रशिक्षण के लिए 100.00 की पाठ्य सामग्री (प्रति गौसेवक)भी शत् प्रतिशत विभाग द्वारा देय होगी। |
6. | संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
गोपाल पुरस्कार योजना (यह योजना सभी वर्ग के लिए)
भारतीय नस्ल के गौवंशीय एवं भंैसवंशीय दुधारु पशुओं के पालन को बढावा देने एवं अधिक दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कार योजना संचालित की गई है। योजना को विस्तारित करते हुए प्रदेश में देशी नस्ल के पशुपालन को बढावा देने एवं अधिक दुग्ध उत्पादन प्राप्त करने हेतु वर्ष 2017-18 से गौवंशीय पशुओं के साथ-साथ भंैसवंशीय दुधारु पशुओं को भी सम्मिलित करते हुये ‘‘गोपाल पुरुस्कार योजना‘‘ संचालित की जायेगी। जिससे पशुपालकों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा एवं भारतीय नस्ल की गायों एवं भंैसों के दुग्ध उत्पादन में एवं दुग्ध उत्पादक पशुओं की सॅंख्या में वृद्धि होगी।
योजना सभी वर्ग के पशु पालकों के लिए है जिनके पास भारतीय नस्ल की गाय/भंैस उपलब्ध हो तथा गाय का दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन 4 लीटर या उससे अधिक एवं भंैस का दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन 6 लीटर या उससे अधिक हो। योजना विकास खण्ड स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर संचालित की जाएगी एवं इसमें गाय/भंैस वंशीय पशुओं हेतु विकास खण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार तथा जिला एवं राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार एवं 07 सांत्वना पुरस्कार सम्मिलित किये गए हैं।
गौवंशीय एवं भंैसवंशीय दुधारु पशुओं की प्रतियोगिताऐं पृथक-पृथक आयोजित की जाऐंगी एवं विकासखण्ड स्तरीय, जिला स्तरीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार अलग-अलग होंगे। योजना अंतर्गत विकास खण्ड स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार विवरण निम्नानुसार है-
1. विकास खण्ड स्तरीय पुरस्कार:-
पुरस्कार | गौवंश | भंैसवंश | कुल राशि रू. |
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प्रथम पुरस्कार | रू. 10,000 | रू. 10,000 | 20,000.00 |
द्वितीय पुरस्कार | रू. 7,500 | रू. 7,500 | 15,000.00 |
तृतीय पुरस्कार | रू. 5,000 | रू. 5,000 | 10,000.00 |
विकासखण्ड स्तर पर गौवंशीय एवं भंैसवंशीय दुधारु पशुओं की प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजन, प्रचार प्रसार, पशुओं के चारा पानी, परिवहन एवं पशु पालकों की व्यवस्था हेतु | 22,000.00 | ||
योग रू. | 67,000.00 |
2. जिला स्तरीय पुरस्कार:-
पुरस्कार | गौवंश | भंैसवंश | कुल राशि रू. |
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प्रथम पुरस्कार | रू. 50,000 | रू. 50,000 | 1,00,000.00 |
द्वितीय पुरस्कार | रू. 25,000 | रू. 25,000 | 50,000.00 |
तृतीय पुरस्कार | रू. 15,000 | रू. 15,000 | 30,000.00 |
सांत्वना पुरस्कार | रू. 35,000 (कुल सात, रू. पांच हजार प्रति पुरस्कार) |
रू. 35,000 (कुल सात, रू. पांच हजार प्रति पुरस्कार) |
70,000.00 |
जिला स्तर पर गौवंशीय एवं भंैसवंशीय दुधारु पशुओं की प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजन, प्रचार प्रसार, पशुओं के चारा पानी, परिवहन एवं पशु पालकों की व्यवस्था हेतु | 1,00,000.00 | ||
योग रू. | 3,50,000.00 |
3. राज्य स्तरीय पुरस्कार:-
पुरस्कार | गौवंश | भंैसवंश | कुल राशि रू. |
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प्रथम पुरस्कार | रू. 2,00,000 | रू. 2,00,000 | 4,00,000.00 |
द्वितीय पुरस्कार | रू. 1,00,000 | रू. 1,00,000 | 2,00,000.00 |
तृतीय पुरस्कार | रू. 50,000 | रू. 50,000 | 1,00,000.00 |
सांत्वना पुरस्कार | रू. 70000 (कुल सात, रू. दस हजार प्रति पुरस्कार) |
रू. 70000 (कुल सात, रू. दस हजार प्रति पुरस्कार) |
1,40,000.00 |
राज्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजन प्रचार प्रसार, पशुपालकों की व्यवस्था एवं आवश्यकता अनुसार अन्य व्यय हेतु | 3,30,000.00 | ||
योग रू. | 11,70,000.00 |
चयन प्रक्रिया |
योजना विकासखण्ड स्तरीय, जिला एवं राज्य स्तर पर संचालित की जाएगी। |
संपर्क | संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
पषुधन बीमा योजना
योजना का उदेश्य पशुपालकों को उनके पशुओं हेतु बीमे की सुविधा प्रदान कर, दुधारु/गैर दुधारु/अन्य पशुओं की मृत्यु से होने वाली हानि की पप्रतिपूर्ति करना एवं होने वाली आर्थिक हानि को रोकना हैं। योजना की क्रियान्वयन इकाई म0प्र0 पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 से पूर्व संचालित पशुधन बीमा योजना प्रारुप में संशोधन कर, पशुधन बीमा को रिस्क मैनेजमेंट के रुप में राष्ट्रीय पशुधन मिशन ;छंजपवदंस स्पअमेजवबा डपेेपवदद्ध में शामिल किया गया है, जिसमें प्रदेश के समस्त जिले शामिल किए गए हैं। योजनान्तर्गत सभी प्रकार के पशुओं का बीमा ( दुधारु देशी/संकर गाय व भैंस, अन्य जानवर जैसे-घोडा/गधा/उंट/नर-गौंवंश भैंस वंश/बकरी/भेड/सूकर/ खरगोश इत्यादि) से लाभान्वित किया जाएगा। अब यह योजना गरीबी रेखा से उपर वाले हितग्राहियों हेतु केन्द्रांश 25 प्रतिशत, राज्यांश 25 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत हितग्राही अंशदान से तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/गरीबी रेखा से नीचे वाले हितग्राहियों हेतु केन्द्रांश 40 प्रतिशत, राज्यांश 30 प्रतिशत एवं हितग्राही अंशदान 30 प्रतिशत पर संचालित की जा रही।
मैत्री योजना
यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एनपीबीबी योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से संचालित है। इस योजना के तहत गौसेवकों को चार माह का कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें 1 माह का सैद्वांतिक प्रशिक्षण कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थानों में एवं 3 माह का प्रायोगिक प्रशिक्षण जिलों के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों/पशु चिकित्सालयों में दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रति प्रशिक्षणार्थी राशि रू. 4000/- प्रतिमाह के हिसाब से कुल 4 माह की प्रशिक्षण अवधि हेतु कुल राशि रू.16000/- स्टाईफंड के रूप में दी जाती है। प्रशिक्षण उपरांत उन्हें कृत्रिम गर्भाधान किट प्रदाय की जाती है ताकि वह क्षेत्र में जाकर कृत्रिम गर्भाधान कार्य एवं अन्य कार्य प्रारंभ कर सकें। मैत्री द्वारा कार्य प्रांरभ करने के उपरंात उन्हें 3 वर्षों के लिए टेपरिंग ग्रांट दिए जाने का प्रावधान है। जिसमें प्रथम वर्ष में राशि रू.1500 प्रतिमाह, द्वितीय वर्ष मंे राशि रू. 1200 प्रतिमाहएवं तृतीय वर्ष में रू.800 प्रतिमाह टेपरिंग ग्रांट के रूप में दी जाती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन - ग्रामीण बैकयार्ड कुक्कुट विकास
भारत सरकार द्वारा समस्त वर्गों के बी.पी.एल. हितग्राहियों के लिये 60% केन्द्रांश, 20% राज्यांश तथा 20% हितग्राही अंश पर प्रदेश में संचालित है। योजनांतर्गत प्रत्येक हितग्राही को बिना लिंग भेद वाले 4 सप्ताह के लो-इनपुट टेक्नोलाॅजी के 45 पक्षी दो चरणों मे 16 सप्ताह के अंतराल से प्रदाय किये जाऐंगे। साथ ही 25 पक्षियों के लिये दड़बा बनाने हेतु रूपये 1500/- दिये जाने का प्रावधान भी है